हे स्त्री तुम जगजननी , प्रकृति की तुम मृगनयनी हे स्त्री तुम जगजननी , प्रकृति की तुम मृगनयनी
तुम मुझसे अलग कहाँ तुम मुझसे अलग कहाँ
मगर सोचते सोचते क्यूँ ये सोचूँ , तुम मुझसे क्या कहोगी मैं तुमसे क्या कहूँ मगर सोचते सोचते क्यूँ ये सोचूँ , तुम मुझसे क्या कहोगी मैं तुमसे क्या कहूँ
बड़े नाज़ से पाला था हमने तेरा प्यार दिल में मगर तुम तो बड़े हरजाई निकले, लाख अरमानों स बड़े नाज़ से पाला था हमने तेरा प्यार दिल में मगर तुम तो बड़े हरजाई निकले, ...
जिसे मिला था सड़क किनारे उसकी देह मुरझा गई थी, दर्द से कराह रहे थे , खून से कप जिसे मिला था सड़क किनारे उसकी देह मुरझा गई थी, दर्द से कराह रहे थ...
मुश्किल समय में भी जो हौसला बांध जाए वह एहसास हो तुम, मुश्किल समय में भी जो हौसला बांध जाए वह एहसास हो तुम,